उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाल ही में एक महत्वाकांक्षी योजना “Zero Poverty Yojana” की घोषणा की है, जिसका उद्देश्य राज्य के गरीब और वंचित परिवारों को सरकारी योजनाओं का लाभ एक साथ पहुंचाकर उनकी आर्थिक स्थिति को सुधारना है। इस योजना के तहत प्रत्येक गांव के 20-25 गरीब परिवारों को सभी प्रमुख सरकारी सुविधाएं एक साथ प्रदान की जाएंगी, ताकि उन्हें गरीबी के चक्र से बाहर निकाला जा सके।
जीरो पॉवर्टी योजना का उद्देश्य
उत्तर प्रदेश सरकार का लक्ष्य है कि राज्य से गरीबी को पूरी तरह से खत्म किया जाए। इसके लिए। “सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास” के मंत्र को आधार बनाया गया है। इस योजना के मुख्य उद्देश्य निम्नलिखित हैं:
1. गरीब परिवारों को सरकारी योजनाओं से जोड़ना– अक्सर ग्रामीण क्षेत्रों में गरीब लोगों तक सरकारी योजनाओं की जानकारी नहीं पहुंच पाती या वे इनका लाभ नहीं उठा पाते। इस योजना के माध्यम से उन्हें सीधे लाभान्वित किया जाएगा।
2. रोजगार और स्वरोजगार के अवसर बढ़ाना – गरीबी दूर करने के लिए परिवारों को रोजगार से जोड़ा जाएगा और स्वरोजगार के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।
3. शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं तक पहुंच सुनिश्चित करना गरीब बच्चों को शिक्षा और परिवारों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी।
4. महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देना – महिलाओं को स्वयं सहायता समूहों से जोड़कर आर्थिक रूप से सशक्त बनाया जाएगा।
योजना के प्रमुख घटक
जीरो पॉवर्टी योजना के अंतर्गत गरीब परिवारों को निम्नलिखित सुविधाएं प्रदान की जाएंगी:
1. आवास और बुनियादी सुविधाएं प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मकान का निर्माण। शौचालय, बिजली और पानी की सुविधा उपलब्ध कराना। उज्ज्वला योजना के तहत मुफ्त गैस कनेक्शन।
2. रोजगार और आजीविका सहायता मनरेगा (MGNREGA) के तहत 100 दिन का रोजगार। प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत ऋण सुविधा। कौशल विकास योजनाओं के माध्यम से रोजगारपरक प्रशिक्षण।
3. शिक्षा और स्वास्थ्य लाभ बच्चों को मिड-डे मील और स्कूल यूनिफॉर्म की सुविधा। आयुष्मान भारत योजना के तहत 5 लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज। प्रधानमंत्री मातृत्व योजना के तहत गर्भवती महिलाओं को लाभ।
4. कृषि और पशुपालन सहायता किसान सम्मान निधि के तहत 6,000 रुपये की सालाना सहायता। पशुपालन योजनाओं के तहत पशुधन वितरण। मृदा स्वास्थ्य कार्ड के माध्यम से किसानों को मिट्टी जांच की सुविधा।
योजना का क्रियान्वयन
जीरो पॉवर्टी योजना को चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा। सबसे पहले प्रत्येक गांव में 20-25 सबसे गरीब परिवारों की पहचान की जाएगी। इसके लिए ग्राम पंचायतों, आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और स्थानीय प्रशासन की मदद ली जाएगी।
1. सर्वे और डाटा संग्रह – परिवारों की आर्थिक स्थिति का आकलन किया जाएगा।
2. योजनाओं का एकीकरण – सभी सरकारी योजनाओं को एक साथ जोड़कर लाभ पहुंचाया जाएगा।
3. निगरानी तंत्र – लाभार्थियों तक सुविधाएं पहुंचाने के लिए एक मजबूत निगरानी प्रणाली बनाई जाएगी।
योजना के लाभ: गरीब परिवारों को एक ही स्थान पर सभी सरकारी योजनाओं का लाभ मिलेगा। भ्रष्टाचार और बिचौलियों पर अंकुश लगेगा, क्योंकि योजनाएं सीधे लाभार्थियों तक पहुंचेंगी। गांवों में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे, जिससे पलायन रुकेगा। महिलाएं और युवा स्वरोजगार से जुड़कर आत्मनिर्भर बनेंगे।
निष्कर्ष: जीरो पॉवर्टी योजना उत्तर प्रदेश सरकार का एक साहसिक कदम है, जिसका उद्देश्य गरीबी को जड़ से खत्म करना है। अगर यह योजना सही तरीके से लागू होती है, तो निश्चित रूप से राज्य के गरीब परिवारों का जीवन स्तर ऊपर उठेगा और उन्हें आत्मनिर्भर बनने का मौका मिलेगा। सीएम योगी आदित्यनाथ की यह पहल वास्तव में “सबका साथ, सबका विकास” की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकती है।
इस योजना की सफलता के लिए जरूरी है कि स्थानीय प्रशासन, ग्रामीणों और सरकारी एजेंसियों के बीच बेहतर समन्वय हो। अगर ऐसा होता है, तो उत्तर प्रदेश जल्द ही गरीबी मुक्त राज्य बनने की दिशा में आगे बढ़ सकता है।
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